झारखंड में कोरोना के हालात की गवर्नर द्रौपदी मुर्मू ने समीक्षा की

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झारखंड में कोरोना के हालात की गवर्नर द्रौपदी मुर्मू ने समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति से चिकित्सीय उपकरण के लिए अनुरोध करूंगी। वह कोरोना के बारे में राज्य के हालात की समीक्षा कर रही थीं
झारखंड में कोरोना के हालात की गवर्नर द्रौपदी मुर्मू ने समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति से चिकित्सीय उपकरण के लिए अनुरोध करूंगी। वह कोरोना के बारे में राज्य के हालात की समीक्षा कर रही थीं

रांची। झारखंड में कोरोना के हालात की गवर्नर द्रौपदी मुर्मू ने समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति से चिकित्सीय उपकरण के लिए अनुरोध करूंगी। राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान कोरोना वायरस से लड़ने हेतु राज्य की आवश्यकताओं से अवगत करने को कहा था। राज्यपाल ने कहा कि झारखंड में 80 प्रतिशत लोग गांव में रहते हैं। प्रारंभ में यह झारखंड में नहीं आया, लेकिन वर्तमान में चार संक्रमण के मामले आ चुके हैं, जिनमें तीन महिलाएं हैं। लॉक डाउन समाप्त होने के बाद राज्य के बाहर फंसे लोग जब आएंगे, उसके लिए पहले से तैयारी रखने की जरूरत है। स्वंयसेवी संस्थाओं व अन्य से वॉलंटियर्स को शामिल कर इस आपदा से लड़ा जा सकता है। लोग अगर सोशल डिस्टेंस का स्वंय कड़ाई से पालन करें तो कोरोना वायरस के संक्रमण का फैलाव नहीं होगा।

सभी जरूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है 

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यपाल को जानकारी दी कि केंद्र सरकार की ओर से पांच हजार पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट, थर्मो स्कैनर 100, एन 95 मास्क 25 हजार प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार समय-समय पर राज्य के हालात से राज्यपाल को अवगत करा रही है। यह हमारा दायित्व है। सभी राज्यों की अपनी-अपनी आंतरिक व्यवस्था होती है। हमने राज्य में जब संक्रमण का पहला मामला भी नहीं आया था, उससे पूर्व ही संक्रमण की रोकथाम हेतु प्रयास तेज कर दिया था। हमारा सूचना केंद्र राज्य व राज्य के बाहर फंसे लोगों के लिए चौबीसों घंटे अलग-अलग कार्यरत है। 15 सीनियर आईएएस अधिकारियों को नोडल ऑफिसर बनाया गया है, ताकि राज्य के बाहर फंसे लोगों को मदद मिल सके। करीब छह लाख 94 हजार लोग राज्य से बाहर हैं। इनमें सबसे अधिक महाराष्ट्र में लोग फंसे हैं। राज्य सरकार बाहर फंसे 60 से 70 प्रतिशत लोगों तक अपनी पहुंच बना रखी है। राज्य के अंदर सभी जरूरतमंद लोगों को पंचायत और थाना स्तर पर भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री दाल-भात योजना पूर्व की तरह संचालित है। राज्य में अनाज की कमी नहीं है। सभी पंचायतों के मुखिया को अनाज हेतु 10-10 हजार रूपये उपलब्ध कराया गया है।

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उपायुक्तों को दिये गये हैं 50 लाख रुपये

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में सब लॉकडाउन है। किसी तरह की गतिविधियां नहीं हो रही हैं। रोजगार पर सीधा असर हुआ है। राज्य के सभी जिला के उपायुक्तों को 50-50 लाख रुपये दिए गए हैं, ताकि भूख से किसी की मौत न हो। जरूरी सामानों को लेकर जा रहे वाहनों पर रोक नहीं है। लोगों के मन से भय निकलाने की जरूरत है। लॉकडाउन खुलेगा तो कैसे खुलेगा, इसकी तैयारी करने की जरूरत है। पांच से छह लाख लोग यदि झारखंड आएंगे तो राज्य के अंदर उन्हें कैसे रोजगार उपलब्ध कराया जाए, इस पर भी कार्य करने की जरूरत है। लोहरदगा जिला को छोड़ कर राज्य के सभी जिले अन्य राज्यों की सीमा से जुड़े हैं। इस समय सरकार का ध्यान कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने पर केंद्रित है। कालाबाजारी न हो इस पर पूर्ण ध्यान है।

जल्द  ही राज्य में कोरोना टेस्ट की 8 मशीनें कार्य करेंगी

मुख्यसचिव सुखदेव सिंह ने बताया कि राज्य में चार जांच की मशीन है, जिनमें दो रांची और दो जमशेदपुर में हैं। अन्य चार मशीनें जल्द स्टॉल कर जांच कार्य आरम्भ किया जाएगा। 15 हजार टेस्ट किट राज्य में उपलब्ध हैं। हिंदपीढ़ी में संक्रमण प्रभावित पहले मरीज के संपर्क में आने वाले 74 लोगों को क्वारांटाइन कर दिया गया है। जिस क्षेत्र में संक्रमित पाया गया है, उस क्षेत्र को पूरी तरह लॉक डाउन कर दिया गया है। निजी अस्पताल को 250 वेंटिलेटर हेतु टैग किया गया है। 300 अतरिक्त वेंटिलेटर मंगाये जा रहे हैं। मार्च और अप्रैल माह के पेंशन की राशि निर्गत कर दी गई है। आनाज का उठाव मई तक का शुरू हो गया है। मनरेगा में पर्याप्त राशि उपलब्ध है। 15 फरवरी तक बाहर से एक लाख 73 हजार लोग झारखंड आये, जिनमें से एक लाख 45 हजार को होम क्वारांटाइन किया गया है। राज्य में करीब 30 हजार होमगार्ड जवानों व वनरक्षकों को चिन्हित किया गया है, जिनको आवश्यकता अनुसार कार्य सौंपा जाएगा। झारखंड के गांवों में अधिक जागरूकता है। पंचायत भवन को क्वारंटाइन सेंटर में बदला गया है। गांव में बाहर से आनेवालों की सूचना सेविका व सहायिका उपलब्ध करा रहीं हैं।

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