झारखंड के लातेहार में पेंशन धारियों ने हेमंत को वादा याद दिलाया

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झारखंड के लातेहार जिला के सामाजिक पेंशन धारियों ने हेमंत सोरेन को अपने चुनावी वादे की याद दिलाया। हेमंत ने पेंशन  2500 करने का वादा किया था।
झारखंड के लातेहार जिला के सामाजिक पेंशन धारियों ने हेमंत सोरेन को अपने चुनावी वादे की याद दिलाया। हेमंत ने पेंशन  2500 करने का वादा किया था।
  • विशद कुमार 

लातेहार (झारखंड)। झारखंड के लातेहार जिला के सामाजिक पेंशन धारियों ने हेमंत सोरेन को अपने चुनावी वादे की याद दिलाया। हेमंत ने पेंशन  2500 करने का वादा किया था। झारखंड के लातेहार जिले के मनिका प्रखंड में विभिन्न सामाजिक पेंशन के सवाल को लेकर आज 26 फरवरी को ग्राम स्वराज मजदूर संघ द्वारा मनिका हाई स्कूल मैंदान से रैली निकाली गयी, जो बाद में प्रखंड कार्यालय परिसर में एक सभा में तब्दील हो गयी। रैली में वृद्ध, विकलांग और विधवा सहित सैकड़ों की संख्या में लोगों ने भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संघ के अध्यक्षता कमलेश उरांव ने की।

सभा को संबोधित करते हुए अर्थशास्त्री प्रो. ज्यां द्रेज ने कहा कि पेंशन का भुगतान समय पर नहीं होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंधन है। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार पेंशन का भुगतान प्रत्येक महीना की 7 तारीख तक हो जाना चाहिए। ग्राम स्वराज मदजूर संघ के पचाठी सिंह ने कहा कि आज पेंशन को लेकर वृद्ध व विकलांग तथा विधवा महिलाएं काफी परेशान हैं, क्योंकि उनके खाते में पेंशन की राशि पिछले पांच साल से नहीं गयी है। उन्होंने कहा कि कई लोगों को आधार के कारण भी परेशानी हो रही है। आधार कार्ड के कारण वृद्ध, विकलांग और विधवाएं प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाकर परेशान हैं।

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सामाजिक कार्यकर्ता कन्हाई सिंह ने कहा कि हेमंत सोरेन ने चुनाव के समय वादा किया था कि अगर हमारी सरकार बनी तो वृद्धा, विधवा, दिव्यांग एवं आदिम जनजाति परहिया, कोरवा पेंशन को 1000  रुपये से बढ़ा कर 2500 रुपये किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार बनते ही अपना वादा भूल गए। अगर उन्हें भूलना आता है तो जनता को वादा याद दिलाने भी आता है। अतः हेमंत सरकार को चाहिए कि वे अपना चुनावी वादा पूरा करते हुए वृद्धा, विधवा, दिव्यांग एवं आदिम जनजाति परहिया, कोरवा पेंशन 1000  रुपये से बढ़ा कर 2500 रुपये करें।

दलित आर्थिक अधिकार आंदोलन-एनसीडीएचआर के राज्य समन्वयक मिथिलेश कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार पेंशन का भुगतान हर महीने की 7 तारीख तक हो जाना चाहिए, मगर आज स्थिति यह है कि पांच से छह माह तक पेंशन की राशि इन  वृद्धों, विकलांगों, विधवाओं तथा आदिम जनजाति के लोगों को पेंशन नहीं मिल पा रही है, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का घोर उल्लंघन  है। इसके लिए जवाबदेह लोगों पर कारवाई होनी चाहिए।

रैली व सभा में शामिल लोगों ने झारखंड के मुख्यमंत्री के नाम प्रखंड विकास पदाधिकारी मनिका के माध्यम से ज्ञापन सौप कर मांग पत्र सौंपा। मांग पत्र में कहा गया है कि हेमंत सरकार चुनावी वादा पूरा करते हुए वृद्धा, विधवा, दिव्यांग एवं आदिम जनजाति परहिया, कोरवा पेंशन 1000 रुपया से बढ़ा कर 2500 रुपया करे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार पेंशन का भुगतान हर महीना के 7 तारीख तक हो। पेंशन समय पर नहीं मिलने पर बीडीओ और डीसी का भी वेतन रोका जाये।

पेंशन के तमाम लंबित आवेदनों को स्वीकृत किया जाए। पेंशन आवेदन की पावती नहीं देने एवं 15 दिन के अन्दर पेंशन नहीं बनने पर बीडीओ पर जुर्माना लगाया जाए। वृद्धा और विकलांग पेंशन का निष्पादन पंचायत स्तर पर हो। विधवा एवं विकलांग पेंशन के आवेदकों को मृत्यु एवं विकलांगता प्रमाण पत्र के लिए परेशान नहीं किया जाए। वृद्धावस्था पेंशन की न्यूनतम उम्र सीमा 50 वर्ष की जाए। पेंशन से संबंधित शिकायत के लिए हेल्प लाइन नंबर जारी किया जाए। पेंशन स्वीकृति के लिए वर्तमान में निर्धारित मानदंड रद्द करते हुए वार्षिक आय की सीमा महंगाई दर के अनुसार निर्धारित की जाए। रैली व सभा को बालकी सिंह, महादेव सिंह, रीता देवी, महावीर परहिया, सुखमणी देवी, अमरदयान सिंह, रीता देवी, धीरज कुमार, तेतर भुइयाँ, लाखो देवी, सोनमती देवी, कालेश्वर सिंह, महावीर परहिया सहित कई लोगों ने संबोधित किया गया। कार्यक्रम का संचालन पचाठी सिंह ने किया।

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