जयंती पर विशेषः पंचम दा शानदार संगीत के लिए शुक्रिया!

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  • नवीन शर्मा
    राहुल देव बर्मन मशहूर संगीत निर्देशक एसडी बर्मन की इकलौती संतान थे। जब पिता किसी क्षेत्र में काफी शोहरत हासिल कर लेता है तो उसकी संतान के लिए काफी चुनौतीपूर्ण स्थिति हो जाती है। सभी लोग उससे अपेक्षा करते हैं कि वो कम से कम अपने पिता के बराबर की लकीर तो जरूर ही खिंच दे। आरडी ने अपनी तरफ से यह लकीर खींचने की पर्याप्त कोशिश की है।
    एसडी के संगीत में भारतीय संगीत का ही रंग था। आरडी शायद पहले ऐसे संगीतकार थे जिन्होंने धड़ल्ले से पश्चिमी संगीत को भारतीय फिल्मों में इस्तेमाल किया। इस मामले में कई लोग नकल करने या कॉपी करने का आरोप भी लगा सकते हैं लेकिन यह भी सही है कि आरडी ने भारतीय और पश्चिमी संगीत का मिश्रण कर हम संगीत प्रेमियों को एक से बढ़कर एक यादगार गीतों का तोहफा दिया है।
    संगीतकार के रूप में आर डी बर्मन की पहली फिल्म ‘छोटे नवाब’ (1961) थी जबकि पहली सफल फिल्म तीसरी मंजिल (1966) थी।

सत्तर के दशक के आरंभ में आर डी बर्मन भारतीय फिल्म जगत के लोकप्रिय संगीतकार बन गए।  1970  का दशक ,जो हिंदी फिल्मों के गीतों को स्वर्णमकाल है उसे संगीतमय बनाने में आरडी का सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहा है। कटी पतंग से जैसे राजेश खन्ना अभिनय के सुपर स्टार बने तो आरडी भी संगीत के बादशाह बन गए। उन्होेंने यादों की बारात, हीरा पन्ना , अनामिका आदि जैसे बड़े फिल्मों में संगीत दिया।
आर डी वर्मन की बतौर संगीतकार अंतिम फिल्म ‘1942 अ लव स्टोरी’ रही। वर्ष 1994 में इस महान संगीतकार का देहांत हो गया। अंतिम फिल्म में उनका संगीत अद्भुत था जैसे दीया बुझने से पहले सबसे तेज रोशनी देता है।
आरडी के संगीतकार से सजा हिट फिल्में
तीसरी मंजिल्1968: पड़ोसन,1971: हरे रामा जहरे कृष्णा,1971: अमर प्रेम,1972: सीता और गीता1972: मेरे जीवन साथी,1975: शोले,1975: दीवार,1979: नौकर,1977: हम किसी से कम नहीं1980: खूबसूरत,1981: कालिया,1981: नरम गरम,1982: नमकीन,1982: तेरी ,1983: पुकार
1989: परिन्दा,1994: 1942: अ लव स्टोरी

मुझे आरडी की गुलजार, किशोर कुमार और आशा भोसंले के साथ जुगलबंदी काफी पंसद है। खासकर आंधी फिल्म के गीत तेरे बिना जिंदगी, इस मोड़ से जाते हैं .. लाजवाब हैं। गुलजार के साथ फिल्म परिचय के साथ शुरू हुआ आरडी का सफर खुशबू, आंधी, किनारा, किताब, घर. खूबसूरत, लिबास, इजाजत से होते हुए दिल विल प्यार व्यार तक चला।
आरडी के संगीत में हिंदी फिल्मों में शायद गिटार का सबसे बेहतरीन प्रयोग हुआ है।

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आरडी ने हमारी पीढ़ी को एनर्जेटिक संगीत दिया है। उनकी एक खूबी ये भी रही कि उन्होंने पश्चिम संगीत से प्रेरणा भले ली हो कुछ हद तक कापी भी की हो लेकिन बप्पी लहरी की तरह कट पेस्ट नहीं किया। आरडी ने हमारे समय के सबसे बड़े सुपर स्टार राजेश खन्ना, देवआनंद और अमिताभ बच्चन की भी कई फिल्मों में प्यारा संगीत दिया है। हिंदी सिनेंमा के संगीत को विविधता प्रदान करने के लिए थैक्स पंचम दा।

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