कोरोना काल में दवा का नियमित सेवन करें ह्दय रोगी, तनाव न लें

0
404

वाराणसी। कोरोना काल में हृदय रोगी दवा का नियमित सेवन करें। ह्दय रोगी, तनाव न लें। घर बैठे लॉक डाउन में तनाव होना स्वाभाविक है। दिल के मरीजों के लिए यह दौर बहुत चुनौतीपूर्ण है। वे महीने भर से न अपने डाक्टर को दिखा पाए हैं और न अपना ब्लड प्रेशर (बीपी) नपवा पाए हैं। विशेषज्ञों की यही राय है कि दिल के मरीज नियमित दवा खाते रहें और अपनी पुरानी दिनचर्या पर कायम रहें। इससे उन्हें नई परेशानी से दो-चार नहीं होना पड़ेगा।

एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय पर तैनात कार्डियोलाजिस्ट डॉ. अंजन श्रीवास्तव ने बताया कि दिल के मरीज अपनी दवाएं लगातार खाते रहें। आसपास अगर बीपी की डिजिटल मशीन मिल जाए तो अपना बीपी नपवा लें। बीपी घटा या बढ़ा होने पर तनाव न लें। परेशानी होने पर अपने डॉक्टर से फोन पर संपर्क करें।

- Advertisement -

यह भी पढ़ेंः कोटा में फंसे बच्चे लाक डाउन खत्म होने पर ही लौंटेगे !

डॉ. अंजन श्रीवास्तव ने बताया कि लॉक डाउन-2 लागू होने पर लोग अलग-अलग वजहों से तनाव में हैं। दिल के 90 प्रतिशत मरीज भी तनाव के कारण परेशान हैं। वे नियमित दवा खाकर और अपने खानपान पर ध्यान रखकर बीपी को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बहुत परेशानी होने पर ही डॉक्टर को दिखाने निकलें। वर्ना फोन पर राय लेकर ही काम चलाएं।

यह भी पढ़ेंः कोरोना के फैलाव को देखते हुए रांची में सीआरपीएफ की तैनाती

दिल के मरीज ऐसे करें देखभाल

हृदय रोगी (हार्ट पेशंट्स) के लिए इस वक्त सबसे जरूरी दो ही चीजें हैं। नंबर एक- आप लोग घर पर रहें यानी सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें। दूसरी बात आप टेंशन न लें। डॉ. अंजन ने बताया कि जब से यह संक्रमण अपने देश में फैलना शुरू हुआ है, उनके पास कई पेशंट्स के फोन आ चुके हैं कि इस वायरस के बारे में जान कर डर लग रहा है। यह नॉर्मल लोगों के लिए इतना हानिकारक है तो हमारा क्या होगा?

यह भी पढ़ेंः कोटा व अन्य प्रदेशों में पढ़ रहे छात्रों को भी आर्थिक सहायता मिले

उन्होंने कहा कि ऐसे में मैं हार्ट डिजीज के हर पेशेंट से यही कहना चाहता हूं कि घर पर रहिए, फैमिली के साथ समय बिताइए और टेंशन फ्री रहिए। क्योंकि आप लोग अधिक टेंशन लेंगे तो कोरोना से कुछ हो ना हो हार्ट को जरूर समस्या हो सकती है। इसलिए सामान्य लोगों के साथ ही सभी हार्ट पेशेंट अपना अतिरिक्त ध्यान रखें। लॉक डाउन के नियमों का पालन करें। साथ ही लॉक डाउन के इस समय को फैमिली के साथ समय बिताकर यादगार बनाएं। जब आप परिवार के साथ होते हैं तो वर्क प्लेस और सोसायटी के दूसरे तनावों से मुक्त होते हैं। यह स्थिति आपके दिल की सेहत के लिए अच्छी होती है।

यह भी पढ़ेंः कोरोना के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी कारगर साबित हो रही है

ऐसा होना चाहिए हार्ट पेशेंट्स का शेड्यूल

लॉक डाउन है तो इसका अर्थ यह बिल्कुल नहीं है कि आप अपना रेग्युलर शेड्यूल डिस्टर्ब कर लें। अपनी दिनचर्या और सोने-जागने का समय वैसे ही रखें, जैसे पहले था। खुद को रिलैक्स रखें और पूरी नींद लें। डायट प्रॉपर लें और दवाइयों को लेकर लापरवाही न बरतें। क्योंकि अगर आपका सोने-जागने का वक्त बदलता है तो खाने का वक्त भी बदल जाता है, ऐसे में दवाइयों का शेड्यूल भी डिस्टर्ब होता है। फिजिकली ऐक्टिव जरूर रहें। घर में वॉक, योग और कसरत का रुटीन बना लें। अगर पहले से आपका रुटीन है तो उसी समय पर उसे फॉलो करें। इससे आपकी बॉडी को अपनी बायॉलजिकल क्लॉक सेट रखने में मदद मिलेगी।

यह भी पढ़ेंः लाक डाउन में मेडिकल, पुलिस, स्वीपर व बैंकर्स की भूमिका को सराहा

- Advertisement -