कृषि कानून में काला क्या है, विपक्ष 100 में भी नहीं बता सका 

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महम्मदपुर नरसंहार के असली साजिशकर्ता राजेश यादव को को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का संरक्षण प्राप्त है। सुशील मोदी ने यह आरोप लगाया है।
महम्मदपुर नरसंहार के असली साजिशकर्ता राजेश यादव को को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का संरक्षण प्राप्त है। सुशील मोदी ने यह आरोप लगाया है।

पटना। कृषि कानून में काला क्या है, विपक्ष 100 में भी नहीं बता सका। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व सांसद सुशील मोदी ने यह तंज कसा है। मोदी ने कहा कि ये कृषि कानून किसानों को मंडियों के अलावा कहीं भी बेहतर दाम पर फसल बेचने का विकल्प देकर उनकी आमदनी बढाने वाले हैं, लेकिन राजनीतिक दुष्प्रचार और दुराग्रह के कारण किसानों का एक वर्ग 100 दिन में भी अपने हित की बात नहीं समझ पाया।

बिचौलियों और अमीर किसानों की हठधर्मिता को वोट में बदलने की नीयत से जिन दलों ने कृषि कानून के खिलाफ भारत बंद कराया और बिहार में मानव श्रृखंला बनवाने का नाटक किया, वे नहीं बता पाये कि नये कृषि कानूनमें “काला” क्या है? असल में कानून नहीं, किसानों के ट्रैक्टर पर सोफा लगा कर बैठने वाले दलों का इरादा ही काला है। किसान आंदोलन के सौ दिन यदि देश की अर्थव्यवस्था पर बोझ साबित हुए, तो इसके लिए कांग्रेस, राजद और वामदलों को अपने-अपने हिस्से की गलती माननी चाहिए।

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राहुल गांधी पर सुशील मोदी का तंज

मोदी ने कहा कि राहुल गांधी यदि कुछ फिल्मी व्यक्तियों के परिसरों पर आयकर के छापे से जोड़ कर देख रहे हैं, तो वे बतायें कि इन्हीं लोगों के यहां यूपीए सरकार के दौरान छापे क्यों पड़े? क्या इससे पहले किसी बड़ी फिल्मी हस्ती से आयकर अधिकारियों ने पूछताछ नहीं की? क्या किसी मुद्दे पर सरकार का विरोध करना  आर्थिक अपराधियों को “राजनीति-पीड़ित” साबित करने का बहाना बनाया जाना चाहिए? राहुल गांधी के बयानों से नहीं लगता वे शासन में रहने का लंबा अनुभव रखने वाले दल का प्रतिनिधित्व करते हैं।

बिहार को मिलेगी 4 लाख, 78 हजार 751 करोड़ की राशि

सुशील मोदी ने 15 वें वित्त आयोग की अनुशंसाओं का राज्यों पर पड़ने वाले प्रभाव पर ‘सेंटर फार पालिसी रिफार्म’ की ओर से आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि वित्त आयोग की अनुशंसा पर बिहार को अगले पांच साल में 4 लाख 78 हजार 751 करोड़ की राशि प्राप्त होगी, जो उत्तर प्रदेश के बाद सर्वाधिक है। इनमें 4 लाख 24 हजार 926 करोड़ रुपये केन्द्रीय करों में हिस्से के तौर पर होगी, जबकि 53,885 करोड़ रुपये अनुदान के रूप में प्राप्त होगा। केन्द्रीय करों में बिहार के हिस्से में भी 0.396 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस राशि से बिहार आने वाले दिनों में तेजी से विकास कर सकेगा।

बिहार को बेहत्तर वित्तीय प्रबंधन की वजह से रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट से वंचित होना पड़ा है जबकि अत्यधिक कर्ज लने के कारण ब्याज तथा कर्मचारियों के वेतन-पेंशन भुगतान में दिक्कत झेल रहे 17 राज्यों को 2 लाख 95 हजार करोड़ का अनुदान दिया गया है, जिनमें केरल को 37,814 करोड़, पश्चिम बंगाल को 40,115 करोड, आन्ध्र प्रदेश को 30,497 करोड़ व पंजाब को 25,968 मिला है। मोदी ने कहा कि 15 वें वित्त आयोग ने बिहार के शहरी निकायों के लिए 11,689 करोड़ रुपये की अनुशंसा किया है जो 14 वें वित आयोग की अनुशंसा से पांच गुना अधिक है। पहली बार जिला परिषद, पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायतों के लिए अनुदान दिया गया है।

स्थानीय निकायों के माध्यम से स्वास्थ्य प्रक्षेत्र के लिए भी पहली बार 6,017 करोड़ रुपये अनुदान की राशि की अनुशंसा की गई है। इसके अलावा आपदा प्रबंधन के लिए 14 वें वित्त आयोग की तुलना में चार गुना अधिक 10,432 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वेबिनार को आयोग के अध्यक्ष डा. एनके सिंह, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनार्ड संगमा व आन्ध्र प्रदेश के वित्त मंत्री राजेन्द्र रेड्डी ने भी सम्बोधित किया।

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