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पटना। सुशील मोदी ने कहा है कि लालू-राबड़ी राज जैसा नरसंहारों का दौर हम नहीं लौटने देंगे। एनडीए सरकार क्राइम और करप्शन से कोई समझौता नहीं करती। क्राइम और करप्शन पर जीरो टालरेंस की नीति का पालन करती है, इसलिए कुछ आपराधिक घटनाओं पर विपक्ष को छाती पीटने की जरूरत नहीं है। कानून अवश्य अपना काम करेगा।
उन्होंने कहा कि जिनके राज में अपराध का राजनीतीकरण कर शहाबुद्दीन, राजबल्लभ यादव, सुरेंद्र यादव जैसे लोगों को विधायिका का हिस्सा बनने दिया गया, वे निश्चिंत रहें, क्योंकि अब किसी का बायोडेटा, पद, जाति या मजहब देख कर न बचाया जाता है, न द्वेषवश किसी को फंसाया जाता है।
उन्होंने कहा कि राजद कुछ आपराधिक मामले को अतिरंजित कर बिहार को बदनाम करना चाहता है। उसे तीन लोगों की “हत्या”और “नरसंहार” का फर्क समझ में नहीं आता। नरसंहार लालू-राबड़ी राज में होते थे। हम वे दिन कभी नहीं लौटने देंगे।
मोदी ने कहा कि राजद के 15 साल के शासनकाल में उद्योग-धंधे बंद हुए। नरसंहारों की रक्तरंजित श्रृंखला और नक्सली हिंसा के चलते खेती-किसानी भी बर्बाद हो चुकी थी। वह दौर था, जब रंगदारी-फिरौती अपहरण के डर से शहर में दुकानें शाम को बंद हो जाती थीं। शो-रूम से गाड़ियां उठा ली जाती थीं। जिन्होंने असुरक्षा के वे काले दिन बिहार को दिखाये, उनके सियासी वारिस आज “जनता की सुरक्षा का वातावरण” बनाने के लिए संघर्ष के दावे करते फिर रहे हैं।
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