अटलजी की अस्थि कलश यात्रा निकालना उनके प्रति सम्मान हैः चौबे

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पटना। पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा का देश के सभी मार्गों से गुजरना और सभी नदियों में अटल जी की अस्थियों का विसर्जन होना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। इसलिए कि अटल जी का सपना था कि देश की सड़कें बेहतरीन हों और सभी नदियों को जोड़ा जाए, ताकि सुखाड़ वाली जगह पर पानी की उपलब्धता हो जाए और बाढ़ वाले क्षेत्रों को इससे निजात मिले। दिल्ली से बिहार प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय के साथ स्वर्गीय अटल जी का अस्थि कलश लाने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने ये बातें कहीं।

श्री चौबे ने कहा कि अटल जी का व्यक्तित्व आसमान के समान था, जिसकी कोई तुलना नहीं हो सकती। सक्रिय राजनीति से 12 वर्ष दूर रहने के बाद भी उनकी मृत्यु के बाद पूरे देश में गम और श्रद्धा का माहौल है। जाति, धर्म, समुदाय, दल आदि से ऊपर उठ कर सभी लोग उनको श्रद्धांजलि दे रहे हैं। देश के तमाम नागरिकों के दिल में अटलजी के प्रति प्रेम व श्रद्धा है। देशवासियों की श्रद्धा को देखते हुए उनके अस्थि कलश को यात्रा का रूप देकर पूरे देश के नागरिकों को दर्शन कराया जा रहा है, जिसके अंतर्गत बिहार में 12 यात्राएँ निकाली जा रही है। बिहार की सभी प्रमुख नदियों और सभी प्रमुख घाटों पर अटल जी की अस्थियों का विसर्जन किया जाएगा।

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श्री चौबे ने कहा कि बिहार से उनको विशेष प्यार था। 2005 के चुनाव में पैर के असहनीय दर्द के कारण जब चुनावी सभाओं में जाने से मजबूर हो गए थे, तब भी उन्होंने ऐसी स्थिति में भागलपुर लोकसभा क्षेत्र में दौरा कर सिर्फ एक सभा की थी। उसके बाद वापस पटना आकर किसलय अपहरण कांड पर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और तब वह दिल्ली गए थे। इस दौरान उन्होंने यह स्पष्ट कहा था कि बिहार से विशेष प्रेम के कारण ही असहनीय  पैर दर्द के बावजूद यहां आए थे।

श्री चौबे ने कहा कि आज भारत वर्ष में जो फोरलेन और सिक्सलेन का जाल बिछा हुआ है और सारे ग्रामों में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत जो सड़क बनी हुई है, यह सब अटल जी की देन है। इसके अतिरिक्त अटल जी चाहते थे कि सारी नदियों को एक दूसरे से जोड़ दिया जाए, जिससे देश के विभिन्न हिस्सों में होने वाली बाढ़ और सुखाड़ की समस्या का स्थायी समाधान मिल जाए।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी मांग की कि नेशनल हाईवे 84 से सटकर गंगा नदी पर  बक्सर से बलिया के बीच बनने वाले दूसरे पुल का नाम स्वर्गीय वाजपेयी के नाम पर होना चाहिए।

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कुछ कांग्रेसी नेताओं के इस आरोप पर कि भाजपा अटल बिहारी वाजपेयी के अस्थि कलश के नाम पर राजनीति कर रही है, पलटवार करते हुए श्री चौबे ने कांग्रेस को आगाह किया कि वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने वालों में कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता स्वयं शामिल हैं। वाजपेयी के विराट व्यक्तित्व के प्रति देशव्यापी श्रद्धा  कांग्रेसी नेताओं को बर्दाश्त नहीं हो रही है। ऐसे महापुरुषों के साथ इस तरीके की सोच कांग्रेस के नेताओं को नहीं रखनी चाहिए। अटल बिहारी वाजपेयी सिर्फ भाजपा के ही नहीं, देश के नेता थे, जिनका हम सम्मान कर रहे हैं। श्री चौबे के साथ तीन विधायक रिंकी पांडे, निरंजन राम और अशोक सिंह भी उपस्थित थे।

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