IPP बैंक से बैंकिंग सेक्टर में होगी नये युग की शुरुआतः भाजपा 

0
379

पटना। केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक से वितीय समावेशन के क्षेत्र में क्रांति आने का दावा करते हुए प्रदेश भाजपा प्रवक्ता सह पूर्व विधायक श्री राजीव रंजन ने सरकार के इस कदम से बैंकिंग सेक्टर में एक नए युग की शुरुआत होने की बात कही। उन्होंने कहा कि आम जनता के घरों तक बैंकिंग सुविधा को लाने के लिए केंद्र सरकार की इस क्रांतिकारी पहल का मूलमंत्र है आपका बैंक- आपके द्वार।

जनधन योजना के बाद सरकार का यह दूसरा महत्वपूर्ण कदम है, जिससे आम जनता को बैंकिंग सेवाओं का ज्यादा से ज्यादा फायदा मिलेगा। जन-धन योजना के तहत जहां 32 करोड़ लोगों को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ा गया, वहीं इस पेमेंट बैंक के माध्यम से बैंक को लोगों के दरवाजे पर ला दिया गया है। आज डाक विभाग के पास देशभर में 3,00,000 से अधिक डाकियों और ग्रामीण डाक सेवकों का विशाल नेटवर्क है, जिसके माध्यम से पोस्ट पेमेंट बैंक भारत के सभी दूर-दराज ही नहीं, बल्कि दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों तक बैंकिंग सुविधा मुहैया कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली है। अभी देश भर में इसकी 650 शाखाएं और 3250 डाकघरों में सेवा केंद्रों की शुरुआत हुई है, लेकिन साल के अंत तक देश के 1.55 लाख डाकघरों में यह सेवा शुरू हो जाएगी।

- Advertisement -

इस बैंक की खास बात यह है अन्य बैंक की अपेक्षा आईपीपीबी में खाता खुलवाने से लेकर पैसे जमा करने और निकालने के लिए फार्म भरने या अन्य कागजी कार्रवाई की जरूरत नहीं होगी। इसे आम जनता की सहूलियत के लिए बेहद आसान और पेपर लैस बनाया गया है। इसमें सिर्फ क्यूआर, अंगूठे के निशान, आधार व मोबाइल नंबर देने भर से बैंकिंग से जुड़े काम हो जाएंगे। इस बैंक की एक और खासियत यह होगी कि चिट्ठी की तरह पांच हजार रुपए तक की रकम का घर पर ही भुगतान किया जाएगा। इसके लिए बायोमेट्रिक मशीन पर मात्र अंगूठे के निशान की आवश्यकता होगी।

श्री रंजन ने आगे कहा कि इस बैंक से आम जनता के साथ-साथ डाक कर्मियों को भी काफी फायदा मिलेगा। बैंक को जितना भी मुनाफा होगा, उसका 25 प्रतिशत ग्रामीण डाक सेवकों को कमीशन के रूप में दिया जाएगा। इस समय देश में 40 हजार डाकिए और लगभग 2.60 लाख ग्रामीण डाक सेवक हैं। इससे डाक विभाग के संचालन में उनके महत्व को समझा जा सकता है। सभी डाक सेवकों को स्मार्टफोन और हाथ में रखी जा सकने वाली मशीनें दी जाएंगी। इनके जरिये क्यूआर कार्ड स्कैन कर और बायोमीट्रिक अथेंटिकेशन कर तत्काल ट्रांजेक्शन पूरा किया जा सकेगा। IPPB के मुनाफे में पांच प्रतिशत डाक विभाग को मिलेगा। इस पैसे का इस्तेमाल डाक विभाग में बुनियादी ढांचों को बेहतर बनाने के लिए किया जाएगा। हकीकत में सरकार की इस पहल से वितीय समावेशन में एक नयी क्रांति आने वाली है।

यह भी पढ़ेंः पराजित ‘इन्दिरावाद’ और विजयी ‘मोदीवाद’ में कोई फर्क है?

- Advertisement -