10 महीनों में 1.2 करोड़ नौकरियां हुईं सृजित, सदमे में विपक्ष: राजीव

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पटना पिछले 10 महीनों में देश में 1.2 करोड़ नौकरियों के सृजन का दावा करते हुए प्रदेश भाजपा प्रवक्ता सह पूर्व विधायक राजीव रंजन ने इस विषय पर केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा हालिया जारी आंकड़ों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि यह किसी से छिपा नहीं है कि केंद्र सरकार द्वारा पिछले चार वर्षों में किए गए विकास कार्यों के फलस्वरूप आज देश दुनिया की छठी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बन चुका है।

गत चार वर्षों में केंद्र की समग्र आर्थिक नीतियों से देश में उद्योग-धंधे काफी तेजी से फले-फूले हैं, जिसका सीधा सकारात्मक असर रोजगार पर पड़ा है। केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) ने भी इन तथ्यों की पुष्टि करते हुए अपनी हालिया रिपोर्ट में देश में इस साल जून तक दस माह की अवधि के दौरान करीब 1.2 करोड़ रोजगार के अवसरों के सृजन की बात कही है। सीएसओ की यह रोजगार परिदृश्य रिपोर्ट कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (इपीएफओ), कर्मचारी राज्य बीमा योजना (ईएसआईसी) तथा एनपीएस  के पास नए सदस्यों के नामांकन पर आधारित है।

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रिपोर्ट के अनुसार सितंबर, 2017 से जून, 2018 के दौरान ईएसआईसी की स्वास्थ्य बीमा योजना तथा नियोक्ता राज्य बीमा (ESI) से 1,19,66,126 नए सदस्य जुड़े। सबसे अधिक नए सदस्यों का नामांकन इस साल मई में 13,18,395 का हुआ।  इसी तरह 1,07,54,348 नए सदस्य कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (इपीएफओ) से जुड़े हैं। खास बात यह है कि सीएसओ की यह रिपोर्ट सिर्फ संगठित क्षेत्र के बारे में है और अगर असंगठित क्षेत्र या मुद्रा योजना और स्टैंड अप इण्डिया जैसी योजनाओं के लाभुकों की संख्या इसमें जोड़ दें तो रोजगार सृजन की कुल संख्या में और बढ़ोतरी हो जायेगी।

श्री रंजन ने आगे कहा कि संगठित क्षेत्र के अलावा देश में कई प्रोफेशनल बॉडीज हैं, जिनमें युवा प्रोफेशनल डिग्री लेकर अपने आपको रजिस्टर करते हैं और अपना काम करते हैं। जैसे  डॉक्टर, इंजीनियर, आर्किटेक्ट, वकील और चार्टर्ड अकांउटेंट आदि। एक स्वतंत्र संस्थान के सर्वे के अनुसार विगत वर्षों में लाखों लोगों को इन पेशेवरों ने रोजगार दिया है। सर्वे के अनुसार 2016-17 में लगभग 17,000 नये चार्टर्ड अकांउटेंट सिस्टम में जुड़े हैं। इनमें से 5,000 से ज्यादा लोगों ने नई कंपनियां शुरू की हैं।

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अगर एक चार्टर्ड अकांउट संस्था में 20 लोगों को रोजगार मिलता है, तो इन संस्थाओं में एक लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है। हकीकत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है, साथ ही साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं। देश में रोजगार को मापने का कोई ठोस सिस्टम नही होने के कारण विपक्षी दलों द्वारा लगातार यह भ्रम फैलाया जाता है कि देश में युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है, जबकि वास्तविकता इसके ठीक उलट है। आज देश के करोड़ों युवाओं को केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों के कारण हो रहे फायदों को देख कर विपक्ष पूरी तरह सदमे चला गया होगा।

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