- नवादा जिला प्रशासन ने की 11 लोगों के मौत की पुष्टि
- विभिन्न अस्पतालों में 44 मरीजों का चल रहा इलाज
- पावापुरी मेडिकल कॉलेज में इलाजरत हैं 21 मरीज
पटना। भीषण लू और गर्मी का कहर लगातार जारी है। हालत ऐसी हो गयी है कि गया में प्रशासन को दिन में निर्माण कार्य बंद कराने के लिए धारा 144 लगाना पड़ा है। नवादा में लगातार अधिकारी बैठक कर हालात पर काबू पाने के तरकीब ढूंढ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने भी इसकी समीक्षा की। हालांकि उनकी समीक्षा में मुजफ्फरपुर में दिमागी बुखार का मामला भी शामिल था। राज्य सरकार ने लू से मरे लोगों और मुजफ्फरपुर में दिमागी बुखार से मरे बच्चों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने की पहले ही घोषणा कर दी है। नर्सरी से हाईस्कूल तक के बच्चों की छुट्टी 22 जून तक सरकार ने बढ़ा दी है। इसमें निजी स्कूल भी शामिल हैं।
नवादा जिले में इस साल प्रचंड गर्मी और लू ने जानलेवा रूप धारण कर लिया है। जिले में अबतक अलग-अलग जगहों पर 32 लोगों की मौत लू लगने से हो चुकी है। हालांकि सरकारी आंकड़े में मौत की संख्या 11 बताई गई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक शनिवार को पांच लोगों की मौत लू से हुई। वहीं दूसरे दिन रविवार को छह की मौत हुई।
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रविवार की सुबह नवादा जिले के सदर प्रखंड के भदोखरा के 53 वर्षीय कृष्णदेव प्रसाद सिंह की मौत सदर अस्पताल में हुई। वहीं शाम 5 बजे के बाद नारदीगंज के सीताराम महतो, मोगलाखर नवादा के 75 वर्षीय असलम खान, हिसुआ के 55 वर्षीय मदन लाल और गया जिला के खिजरसराय अंतर्गत मंडेय गांव के नंद सिंह की 65 वर्षीया पत्नी मीना सिंह की मौत हो गई। वहीं पावापुरी मेडिकल कॉलेज रेफर किए गए अकबरपुर के देवनारायण यादव की भी मौत रविवार को हुई। शनिवार को गोविंदपुर के देवचरण पंडित, रोह के बाबू लाल सिंह, गया जिले के वजीरगंज के सुखदेव सिंह, नारदीगंज की श्रीदेवी, कौआकोल के रामस्वरूप दास की मौत होने की जानकारी प्रशासनिक स्तर से दी गई है।
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रविवार को सदर अस्पताल नवादा में 33 नए मरीज सामने आए। इन मरीजों का इलाज सदर अस्पताल नवादा, पावापुरी मेडिकल कॉलेज व पीएमसीएच पटना में चल रहा है। सिविल सर्जन डॉ. श्रीनाथ प्रसाद सिंह ने बताया कि सन स्ट्रोक की वजह से इन लोगों की मौत हुई है। जबकि अन्य लोगों का इलाज चल रहा है। पीएमसीएच पटना में दो, पावापुरी मेडिकल कॉलेज में 17 और शेष का सदर अस्पताल नवादा में इलाज चल रहा है। कुल 44 मरीजों का इलाज अब भी चल रहा है। मरीजों व उनके परिजनों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए नगर के कई युवा समाजसेवी सक्रिय नजर आए।
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मरीजों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर सदर अस्पताल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सुरक्षा में स्वाट व जिला पुलिस बल के जवानों की तैनाती की गई है। एएसपी अभियान कुमार आलोक सुरक्षा व्यवस्था की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। सदर अस्पताल में प्रवेश करने वालों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। पूछताछ के बाद ही अंदर प्रवेश दिया जा रहा है। अनावश्यक भीड़ न हो, इसलिए ऐसा किया गया है।
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