बिहार का ऐसा युवा, जो दूसरे युवकों का भविष्य संवार रहा

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बिहार के एक ऐेसे युवक की हम चर्चा कर रहे हैं, जिनका लक्ष्य छात्रों के भविष्य को संवारना है। अच्छी नौकरियां छोड़ कर वे पटना में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां कराते हैं।
बिहार के एक ऐेसे युवक की हम चर्चा कर रहे हैं, जिनका लक्ष्य छात्रों के भविष्य को संवारना है। अच्छी नौकरियां छोड़ कर वे पटना में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां कराते हैं।

पटना। बिहार का एक ऐसा युवा, जिसका लक्ष्य छात्रों के भविष्य को संवारना है। अच्छी नौकरियां छोड़ कर वे पटना में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां कराते हैं। ऐसे ही एक जागरूक युवा है पटना के मैथ आईकान शशि शरण, जो बैंकिंग की तैयारी कराने के लिए बिहार के युवाओं में यूथ आईकॉन के रूप में मशहूर हो चुके हैं।

पटना में फंसे सैकड़ों प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों को ये आर्थिक मदद कर चुके हैं और अब भी कर रहे हैं साथ ही साथ छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो, इसलिए  ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं। आज हम आपको बिहार की राजधानी पटना के  मछुआ टोली में आरआर कैंपस, बैंको 40 तथा निश्चय एकेडमी के संस्थापक शशि शरण की प्रेरक कहानी बताने जा रहे हैं।

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जहां पूरे देश में शिक्षण का कार्य बाजारवाद के चपेट में आ चुका है, ऐसे दौर में बिहार की राजधानी पटना में एक ऐसे युवा हैं, जो आशा की किरण जगा रहा है। नाम है शशि शरण। पिता है सुरेंद्र जी। दो भाई और एक बहन के भरे-पूरे परिवार में शशि की शिक्षा दीक्षा पटना में हुई है। जून 2013 से लेकर अप्रैल 2017 के बीच उन्होंने बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, सिंडिकेट बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में कहीं 3 महीने तो कहीं 6 महीने में बैंक पीओ की नौकरी की।

शशि बतलाते हैं कि नौकरी लग जाने के बाद उन्हें लगा कि उनके अंदर जो कुछ खास है, अगर इसको सामान्य छात्रों के बीच में बांटा जाए तो सफलता कई मायने में आम हो जाएगी। उनके संस्थान के जो छात्र अंतिम रूप से चयनित होते हैं, उनके चेहरे पर जो मुस्कान आती है, वह किसी भी सम्मान या किसी भी बड़ी सफलता से ज्यादा सुकून दाई होती है।  उन्होंने पटना मछुआ टोली आरआर कैंपस, गरीब असहाय कमजोर बच्चों को निःशुल्क बैंकिंग की तैयारी करवाने के लिए BANCO 40 की स्थापना की। उसके बाद बैंकिंग की तैयारी करवाने के लिए अपने संस्थान निश्चय एकेडमी की शुरुआत की, जो आज की तारीख में बैंकिंग की तैयारी करने वाले बिहार के छात्र छात्राओं के लिए सबसे पसंदीदा संस्थान बन चुका है।

यहां अर्थशास्त्र व बीपीएससी की भी तैयारी प्रारंभ की गई है। आज की तारीख में शशि का यह अभियान आंदोलन बनता नजर आ रहा है। उनके संस्थान में सफलता की शत प्रतिशत गारंटी दी जाती है। साथ ही साथ छात्रों को अत्याधुनिक तकनीक से भी पढ़ाया जाता है। इस पूरे अभियान के खुद शशि मेंटर हैं तथा छात्रों को सिलेबस की नित्य बदल  रही सूक्ष्म बारीकियों तक से भी अवगत कराते हैं। तैयारी में इस बात का ख्याल रखा जाता है कि कमजोर छात्रों पर विशेष ध्यान दिया जाए। ज्यादा से ज्यादा तादाद में छात्रों को अंतिम रुप से चयनित करवाने की मनसा होती है।  बतौर युवा गणितज्ञ यह BSC एकेडमी कैरियर पावर जैसे संस्थानों में भी छात्रों का मार्गदर्शन कर चुके नीलम इन्फोटेक जैसे संस्थान के संस्थापक रहे हैं।

निश्चय एकेडमी को लेकर शशि की सोच साफ है। इनका कहना है कि उन्होंने संस्थान की स्थापना आर्थिक उपार्जन के लिए नहीं की, बल्कि बाजारवाद में फंस चुकी बिहार की प्रतियोगी संस्थानों के वर्चस्व को तोड़ना उनका एकमात्र मकसद है। छात्रों की सफलता के मिठास के आगे सब कुछ बेकार है। इनका यह अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है। इनके मन में बचपन से ही लीक से अलग कुछ कर गुजरने की चाहत थी, जो ज्ञान इनके पास है, छात्रों के बीच बांटा जाए तो बिहार से हजारों की तादाद में छात्र विभिन्न सरकारी नौकरियों के लिए चयनित हो सकते हैं।

गणित पढ़ाने की कला के कारण छात्रों की भीड़  खिंची चली आती गणित के जादूगर के रूप में प्रसिद्ध शशि शरण की प्रसिद्धि आज की तारीख में इतनी है कि विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए तैयारी करने वाले पटना आने वाले छात्र इनके संस्थान में गणित पढ़ना नहीं भूलते। आज भी निर्धन विकलांग छात्रों को उनके संस्थान में नाममात्र के शुल्क पर शिक्षा दी जाती है।

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