झारखंड के कण-कण में कला बसती है, जरूरत है निखारने कीः रघुवर

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रांची। मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड के कण-कण में कला का वास है। बस उसे निखारने की आवश्यकता है। झारखंड प्रकृति की गोद में बसा राज्य है। यहां प्राकृतिक टूरिज्म के साथ-साथ माइनिंग और इको टूरिज्म की भी काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि विश्व भर के चित्रकार यहां की सुंदरता को अपने कैनवस पर उतारकर विश्व पटल पर झारखंड की एक अपनी छवि प्रस्तुत कर सकते हैं। वह आज ऑड्रे  हाउस में झारखंड कला संस्कृति एवं पर्यटन विभाग द्वारा 23 अगस्त से 27 अगस्त तक आयोजित हो रहे इंटरनेशनल वाटर फेस्टिवल में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. रामदयाल मुंडा के जन्मदिवस के अवसर पर झारखण्ड कला संस्कृति एवं पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित यह इंटरनेशनल वाटर फेस्टिवल उनके प्रति एक सच्ची श्रद्धांजलि है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि चित्रकारिता के द्वारा ही एक कलाकार समाज की वेदना को सबके सामने प्रस्तुत करता है। देश-विदेश से आये कलाकार अपनी कला के माध्यम से कैनवस पर झारखण्ड के सौंदर्य को उकेरें और देश-दुनिया में लगनेवाले अंतरराष्ट्रीय पेंटिंग फेस्टिवल में प्रदर्शित करें। इससे हमारे राज्य में छिपी संभावनाओं से लोग अवगत हो सकेंगे। झारखंड का नाम होगा। हमें प्रयास करना है कि झारखंड देश का सबसे समृद्ध राज्य बने। झारखंड विश्व के विकसित राज्यों से अपनी बराबरी कर सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड सरकार कलाकारों को हर सम्भव सुविधा मुहैय्या कराएगी। उन्होंने राज्य के युवाओं से अपील की कि इस आयोजन में आकर चित्रकारों से सीखें और अपने कला को और निखारें, जिससे आपका और पूरे राज्य का नाम हो सके। मुख्यमंत्री ने राज्य की जनता से इस आयोजन में ज्यादा से ज्यादा संख्या में भाग लेने की अपील करते हुए कहा कि इससे न केवल कलाकारों का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि आनेवाले कलाप्रेमियों को भी अंतरराष्ट्रीय कला से रू-ब-रू होने का मौका मिलेगा।

इस अवसर पर झारखण्ड कला संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के मंत्री श्री अमर कुमार बाउरी ने कहा कि देश का यह प्रथम अवसर है, जब अंतरराष्ट्रीय स्तर के चित्रकार एक साथ चित्रकारी करेंगे। आयोजन में यहां के चित्रकार झारखंड के सभी पर्यटन स्थल पर जाकर वहां की पेंटिंग बनाएंगे। आयोजन के अंतिम दिन उन सभी पेंटिंग्स की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। झारखंड में काफी प्रतिभा है। इस तरह के आयोजनों से इन प्रतिभाओं को अंतरराष्ट्रीय कलाकारों के साथ मिलने-जुलने का मौका मिलेगा, जिससे उनकी प्रतिभा निखरेगी।

झारखण्ड कला संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के सचिव श्री मनीष रंजन ने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय कलाकारों की उपस्थिति झारखंड की भूमिका को वैश्विक कला और संस्कृति के पटल पर एक नये मुकाम पर पहुँचाएगी। उन्होंने कहा कि इस 5-दिवसीय कार्यक्रम में कलाकारों द्वारा विभिन्न विषयों पर पेंटिंग्स प्रदर्शित की जायेगी। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में विश्व के 24 देश, भारत के 25 राज्य और राज्य के 24 जिलों के कलाकार भाग ले रहे हैं, जिनके द्वारा विभिन्न विषयों पर पेंटिंग की जाएगी।

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फैब्रिआनो से आयी एन्ना मास्सिनिस्सा ने कहा कि कला एकमात्र माध्यम है, जिसके जरिए लोग अपने सभ्यता और संस्कृति का आदान प्रदान करते हैं। यह किसी सरहद को नहीं मानता, इसकी कोई भाषा नहीं होती। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य हम सभी एक साथ हैं कोई अकेला नहीं की भावना को लोगों में जागृत करना है।

इस अवसर पर यूक्रेन से आई कलाकार विक्टोरिया एवं इटली से आये उत्तम कर्माकर ने लाईव पेंटिंग की एवं उसे मुख्यमंत्री को भेंट किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल,  लोक कलाकार पद्मश्री मुकुन्द नायक, फेस्टिवल की संस्थापक श्रीमती अन्ना, श्री रजत बंदोपाध्याय, कला एवं पर्यटन से जुड़े विभिन्न देशों, भारत के विभिन्न राज्यों एवं झारखण्ड के विभिन्न जिलों के कलाकार  उपस्थित थे।

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