पटना। गृहमंत्री अमित शाह के वर्चुअल संवाद की सफलता से राजद के होश उड़ गये हैं। यह दावा किया है बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने पूछा है कि लालू बतायें, घोटाला करना और बेनामी सम्पत्ति बनाना किससे सीखा?
गृहमंत्री अमित शाह की वर्चुअल संवाद के दौरान राजद कार्यकर्ताओं-नेताओं द्वारा थाली पीटने पर श्री मोदी ने तंज कसते हुए कि थाली पीटना अगर लालू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नहीं, जेपी से सीखा, तो यह भी बता देते कि चारा घोटाला किससे सीखा? लालू प्रसाद बतायें कि किसने उन्हें काम के बदले जमीन लिखवाना और बेनामी सम्पत्ति बनाना सिखाया?
मोदी ने यह भी पूछा कि वे बतायें कि पिछड़ों-महिलाओं के रिजर्वेशन का हक मार कर पंचायतों के चुनाव कराने का पाठ किसने सिखाया था? लालू बतायें कि अपराध के राजनीतिकरण की तालीम किससे ली? मोदी का आरोप है कि राजद महापुरुषों का नाम लेकर उनका अपमान करता रहा है।
मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद को विकास और सकारात्मक परिवर्तन से बुनियादी बैर है, इसलिए वे करोड़ों लोगों को रोजगार देने वाली सूचना क्रांति का मजाक उड़ाते रहे। उन्होंने 15 साल तक गांवों का विद्युतीकरण नहीं होने दिया और केवल लालटेन का बखान किया। जब चुनाव ईवीएम से होने लगे और बूथ लूटने वाली लाठियां बेकार हो गईं, तब वे ईवीएम का विरोध करने लगे।
उन्होंने तेजस्वी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि लालू के लाल महंगी बीएमडब्ल्यू कार और चार्टर प्लेन का शौक रखते हैं, लेकिन बुलेट ट्रेन का विरोध करते हैं। अब, जब कोरोना काल में दुनिया बदल रही है, तब वे लोगों का समय-साधन-पेट्रोल बचाने वाले वर्चुअल संवाद का भी विरोध कर रहे हैं।
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बिहार के लाखों लोगों ने शारीरिक दूरी का पालन करते हुए जिस उत्साह के साथ गृहमंत्री अमित शाह के वर्चुअल संवाद में हिस्सा लिया और जिस तरह से सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रियाएँ दीं, उससे लालू परिवार को एनडीए के बढते जनाधार का आभास हो गया है। कोरोना काल में जितनी मुस्तैदी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने करोड़ों गरीबों-मजदूरों के लिए मुफ्त अनाज की व्यवस्था की और हर गरीब के खाते में पैसे डाले, वह दिल जीतने वाली थी। मोदी ने कहा कि एनडीए सरकार सारे दुष्प्रचारों को ध्वस्त कर बिहार के चुनाव में 2010 की सफलता दोहरायेगी और दो तिहाई बहुमत से लौटेगी। संकट में मदद करने वालों को पहचानने में बिहार के गरीब कभी गलती नहीं करते।
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