एम्स डायरेक्टर ने कोरोना पर कहा- बिना जरूरत घर से न निकलें

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भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), पटना के निदेशक डा. प्रभात कुमार सिंह ने कहा कि बिना जरूरत के घर से न निकलें। मास्क लगाएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), पटना के निदेशक डा. प्रभात कुमार सिंह ने कहा कि बिना जरूरत के घर से न निकलें। मास्क लगाएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।

पटना। भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), पटना के निदेशक डा. प्रभात कुमार सिंह ने कहा कि बिना जरूरत के घर से न निकलें। मास्क लगाएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। जब तक कोरोना का वैक्सीन नहीं आ जाता, तब तक बचाव ही इस वायरस का इलाज है। हाथ धोने की आदत भी बरकरार रखें। इस बीमारी से बचने के लिए शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ानी होगी और उसके लिए संतुलित आहार लेना होगा। आहार में रोटी-चावल के अलावा उच्च प्रोटीन युक्त भोज्य पदार्थ को भी अपने आहार में शामिल करना होगा। दाल, राजमा, सोयाबीन तथा दूध के साथ सेब, अंगूर, संतरा, मौसमी तथा केला जैसे फलों का सेवन भी जरूरी है। शाकाहारी के अलावा मांसाहारी भोजन भी करना चाहिए, लेकिन मांस पूर्णरूप से पका होना चाहिए। लाक डाउन के दौरान किसी भी तरह का व्यायाम अवश्य करें। योग को प्राथमिकता दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि मरीज की हालत पर इलाज का तरीका अपनाया जाता है। भारत वैक्सीन बनाने में काफी मजबूत है और पूरी दुनिया की जरूरत का 50 प्रतिशत वैक्सीन भारत सप्लाई करता है। वैक्सीन पर काम चल रहा है, छह-आठ महीने में वैक्सीन आ जायेगा।

वे शनिवार को डिजिटल प्लेटफार्म गूगल मीट पर एडवांटेज डायलाग के 12वें एपिसोड में बोल रहे थें। प्रसिद्ध माडरेटर दीपिका महिधरा के साथ बातचीत में डा. सिंह ने कहा कि कोरोना बीमारी के लक्षण कफ, बुखार, सांस लेने में तकलीफ के साथ ही मांसपेशियों में दर्द, डायरिया तथा सूंघने की क्षमता में ह्रास के लक्षण भी सामने आने लगे हैं। उन्होंने कहा कि दूसरे देशों की तुलना में हम कोरोना के मामले में काफी अच्छी स्थिति में हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ 20 फीसदी बुजुर्ग मरीजों के लिए ही वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है।

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इस सेशन में बहुत सारे नामचीन डाक्टरों ने भाग लिया और कई साइंटीफिक सवाल पूछे गए, जिसमें यह पूछा गया कि प्लाज्मा थेरेपी कारगर है कि नहीं। इसके जवाब में डा.. सिंह ने कहा कि पूरी दुनिया में इसके उपर रिसर्च चल रहा है और एम्स पटना भी इसे शुरू करने जा रहा है। जीन म्यूटेशन के बारे में एक डाक्टर ने सवाल पूछा कि क्या यह वायरस फिर से म्यूटेशन होगा, सिंह ने बताया कि यह बड़ा ही अनिश्चित वायरस है। कब इसका स्वरूप बदल जाए, कहा नहीं जा सकता। फिर कुछ चिकित्सकों ने चिंता जाहिर की कि क्या डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की उचित संख्या बिहार में उपलब्ध है, जो अगर कोरोना के केस बढ़े तो उसका मुकाबला कर सकें तो सिंह ने बताया कि अभी डाक्टर और पैरामेडिकल चिकित्सा कर्मियों की प्रशिक्षित टीम तैयार है। बेड भी उपलब्ध हैं। जितनी संख्या में मरीज बढ़े, उसकी पर्याप्त चिकित्सा की जा सकती है।

लाक डाउन कब तक रहना चाहिए के जवाब में उन्होंने कहा कि डाक्टर होने के नाते मैं इसे जारी रखने के पक्ष में हूं। फिर भी उन्होंने कहा कि ग्रीन जोन में लाक डाउन हटाया जा सकता है, लेकिन रेड जोन में नहीं खोलना चाहिए। उन्होंने कहा कि 2002 तथा 2012 में सार्स तथा अन्य वायरस आये थे। कोरोना उसी का एक हिस्सा है। फरवरी 2017 में एम्स के निदेशक बने डा. सिंह कहते हैं कि कोरोना से सभी डरते हैं और डाक्टर यह भी जानते हैं कि इसका इलाज तो उन्हें ही करना होगा, इसलिए वे इलाज करने में व्यस्त रहते हैं। 6-7 दिन की ड्यूटी के बाद हम अपने डाक्टरों को 14 दिनों के क्वारंटाइन में भेज देते हैं, ताकि वे इस बीमारी की जद में न आएं।

उन्होंने अपने बारे में कहा कि उन्हें तो प्रतिदिन हास्पिटल आना पड़ता है। एम्स में 180 बेड कोरोना मरीजों के लिए उपलब्ध हैं। एम्स में 120 सीनियर और 400 जूनियर डाक्टर हैं। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना के इलाज के लिए काफी बेड की व्यवस्था की गयी है। डा. सिंह कोरोना के लिए गाइडलाइन बनाने वाली राश्ट्रीय टीम के सदस्य भी हैं। इनके द्वारा बनाई गई SOP, जो एम्स पटना में लागू की गई है, कई अन्य मेडिकल कालेज एवं दूसरे राज्यों के अस्पताल भी उसका अनुसरण कर रहे हैं।

एडवांटेज ग्रुप के संस्थापक एवं सी.ई.ओ. खुर्शीद अहमद ने कहा कि आगामी बुधवार 20 मई को इस डायलाग में मेगा शो दिन के दो बजे से तीन बजे तक होगा, जिसमें ब्रह्मा कुमारी शिवानी बहन अपना बहुमूल्य समय देंगी। ये अंतर्राष्ट्रीय वक्ता हैं। उनके 30 लाख अनुयायी (फालोवर) हैं। उन्होंने कहा कि यह सेशन बड़ा होगा, दर्शकों एवं श्रोताओं की संख्या भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि आगे के एपिसोड में पटना हाईकोर्ट की पूर्व जज तथा सुप्रीम कोर्ट की वकील अंजना प्रकाश, नयी दिल्ली स्थित सेंटर फार सोशल रिसर्च की डायरेक्टर तथा वीमेंस पावर कनेक्ट की चेयरपर्सन डा. रंजना कुमारी तथा बिहार चेम्बर आफ कामर्स के सचिव अमित मुखर्जी भी अपने विचार रखेंगे।

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