अविश्वास प्रस्ताव लाने जैसी तत्परता से संसद भी चलाये विपक्षः भाजपा

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पटना। कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को देश हित में संसद को चलने देने की नसीहत देते हुए प्रदेश भाजपा प्रवक्ता सह पूर्व विधायक श्री राजीव रंजन ने कहा, “मानसून सत्र की शुरुआत होते ही विपक्ष ने जैसी कर्मठता मौजूदा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने में दिखाई है, उन्हें ऐसी ही तत्परता संसद को निर्विरोध चलने देने में दिखानी चाहिए। इस अविश्वास प्रस्ताव का क्या हश्र होना है, यह सब जानते हैं, लेकिन फिर भी भाजपा ने विपक्ष के इस कदम को स्वीकार करते हुए संसदीय प्रणाली में अपनी आस्था का परिचय दिया है।

कांग्रेस के नेताओं को तो सरकार के इस कदम से सीख लेते हुए संसद के कामकाज में अब कोई बाधा नहीं डालनी चाहिए, जिससे देश और समाज के हित में आने वाले महत्वपूर्ण बिल समय से पास हो सकें। मौजूदा सत्र में अन्य बिलों के साथ-साथ तीन तलाक और पिछड़ा-अतिपिछडा आयोग के गठन से संबंधित बिल भी आने वाले हैं, जिसके पास होने की आस पूरे देश की मुस्लिम महिलाएं और पिछड़े/ अतिपिछडे समाज के लोग लगाए हुए हैं।

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कांग्रेस और उनके सहयोगियों को यह समझना चाहिए कि उनके संसद न चलने देने के कारण इन लोगों का कितना नुकसान हो रहा है। उन्हें समझना चाहिए कि नकारात्मक राजनीति से न तो उनकी पार्टी का भला होने वाला और न देश और समाज के वंचित वर्गों का, बल्कि उलटे इससे उनकी पार्टी का ही नुकसान होगा। इसलिए कांग्रेस और उसके सहयोगियों से हमारा आग्रह है कि संसद में कोई फिजूल का व्यवधान पैदा न करते हुए भाजपा को अपना काम सही ढंग से करने दें।”

श्री रंजन ने कहा, “कांग्रेस और उसके सहयोगियों की सुनें तो इनके नेता खुद को हर मंच से पिछड़े-अतिपिछडों और अल्पसंख्यक समाज का मसीहा बताते आयेंगे, लेकिन जब काम करने के नाम इनसे कुछ नही होता। आज जब भाजपा इनके लिए कुछ ठोस कदम उठा रही है तो ये उसमें भी अडंगा डाल रहे हैं। न तो इनके नेताओं को राष्ट्रहित की चिंता है और न पिछड़े शोषित लोगों की। हकीकत में इन्हें डर लगता है कि अगर ये लोग सशक्त हो गए तो फिर इनके बहकावे में नही आएंगे।

यही वजह है कि सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए ये इन्हें पिछड़ा बनाए रखने के अपने एक सूत्री अभियान पर पूरी शिद्दत से चल रहे हैं। कांग्रेस के नेता यह जान लें कि अपनी इसी सतही राजनीति के कारण आज वे पूरे देश से ख़ारिज हो रहे हैं और अगर उन्होंने अपने रवैये में बदलाव नहीं किया तो आने वाले समय में उनका कोई नाम लेने वाला भी नही बचेगा। इसीलिए उन्हें हमारी सलाह है कि अपनी राजनीति में बदलाव लाएं और देशहित के लिए भाजपा द्वारा किए जा रहे कार्यों में सहयोग करें।”

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