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आपातकाल-पीड़ित लोगबाग हर साल इमरजेंसी की वर्षगांठ मनाते हैं। मनाना जरूरी भी है। क्योंकि 25 जून  1975 को इमरजेंसी लगाकर पूरे देश को एक बड़े जेलखाना में बदल दिया गया था। 23 मार्च 1977 को ही इसे समाप्त किया जा सका था, जब लोकसभा के आम चुनाव के बाद मोरारजी देसाई की सरकार बनी।

इसलिए जरूरी है आपातकाल के दिनों को याद रखना !

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सुरेंद्र किशोर  आपातकाल-पीड़ित लोगबाग हर साल इमरजेंसी की वर्षगांठ मनाते हैं। मनाना जरूरी भी है। क्योंकि 25 जून  1975 को इमरजेंसी लगाकर पूरे देश...
जेपी को चंद्रशेखर की चिट्ठी

जेपी मूवमेंट में विपक्षी नेताओं की भीड़ से सशंकित थे चंद्रशेखर

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जयप्रकाश के आंदोलन (जेपी मूवमेंट) में लगातार विपक्षी नेताओं और युवाओं का साथ मिलता गया. इससे जयप्रकाश आंदोलन के सेनानी उत्साहित थे, लेकिन चंद्रशेखर...
वर्ष 1974 की तारीख 5 जून. यही वह दिन था, जब जयप्रकाश नारायण (जेपी) ने पटना के गांधी मैदान में दो शब्दों- संपूर्ण क्रांति का नारा दिया था.

संपूर्ण क्रांति- जेपी के दो शब्दों से बदल गयी थी देश की सियासी तस्वीर

ओमप्रकाश अश्क वर्ष 1974 की तारीख 5 जून. यही वह दिन था, जब जयप्रकाश नारायण (जेपी) ने पटना के गांधी मैदान में दो शब्दों-...
देश के सुप्रसिद्ध कवि मनोज भावुक के पिता और हिंडाल्को, रेनूकूट के लोकप्रिय मजदूर नेता रामदेव सिंह नहीं रहे

हिंडाल्को के मजदूर नेता बिहार के रामदेव सिंह नहीं रहे 

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पटना। देश के सुप्रसिद्ध कवि मनोज भावुक के पिता और हिंडाल्को, रेनूकूट के लोकप्रिय मजदूर नेता रामदेव सिंह नहीं रहे। 14 अप्रैल 2022 को...
आपातकाल-पीड़ित लोगबाग हर साल इमरजेंसी की वर्षगांठ मनाते हैं। मनाना जरूरी भी है। क्योंकि 25 जून  1975 को इमरजेंसी लगाकर पूरे देश को एक बड़े जेलखाना में बदल दिया गया था।

इमरजेंसी के इस दौर को कवियों ने भी अपने नजरिये से देखा, खूब रचा

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इमरजेंसी 25 जून 1975 को लागू हुई। 21 माह (1975-1977) तक रही। इमरजेंसी के इस दौर को कवियों ने भी अपने नजरिये से देखा...
इमर्जेंसी की 44 वीं सालगिरह पर जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व में शुरू हुए आंदोलन की याद स्वाभाविक है। इसलिए कि इमर्जेंसी का आधार जय प्रकाश का आंदोलन ही माना गया।

इमर्जेंसी की 44 वीं सालगिरह पर जय प्रकाश आंदोलन का स्मरण

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शिवानंद तिवारी इमर्जेंसी की 44 वीं सालगिरह पर जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व में शुरू हुए आंदोलन की याद स्वाभाविक है। इसलिए कि इमर्जेंसी...
बंगाल में अंतिम चरण के चुनाव में भी हिंसा नहीं थमी। सुरक्षा के व्यापक तामझाम के बावजूद बंगाल में आठवें चरण का मतदान भी शांतिपूर्ण नहीं रहा।

पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा की परंपरा दशकों पुरानी है

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पश्चिम बंगाल में राजनीतिक, हिंसा की परंपरा दशकों पुरानी है। क्या 1975 में जेपी पर हमलावर भीड़ में ममता बनर्जी भी शामिल थीं? जेपी...
बलिया उत्तर प्रदेश का एक ऐसा जिला है, जहां अंग्रेजों के जमाने में चित्तू पांडेय कलक्टर की कुर्सी पर बैछ गये थे और बलिया हफ्ते भर आजाद हो गया था।

बलिया में जब कलक्टर की कुर्सी पर चित्तू पांडेय बैठ गये थे

हरे राम कात्यायन बलिया उत्तर प्रदेश का एक ऐसा जिला है, जहां अंग्रेजों के जमाने में चित्तू पांडेय कलक्टर की कुर्सी पर बैछ गये...
अग्रेजी हुकूमत खत्म हो गयी। भारत को अपने ढंगा से सजने-संवरने और अपने नियम-कानून से देश चलाने का अवसर मिल गया। लेकिन हम उसी लीक पर चलते रहे।

महात्मा गांधी की हत्या पर कपूर कमीशन की रिपोर्ट कहां गई!

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महात्मा गांधी की शहादत दिवस (30 जनवरी) पर वरिष्ठ IPS अरविन्द पाण्डेय ने हत्या के कारणों की जांच के लिए गठित कपूर कमीशन की...
वर्ष 1974 की तारीख 5 जून. यही वह दिन था, जब जयप्रकाश नारायण (जेपी) ने पटना के गांधी मैदान में दो शब्दों- संपूर्ण क्रांति का नारा दिया था.

जयप्रकाश नारायण ने जब इंटरव्यू में कहा- मुझे कौन पूछता है!

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जयप्रकाश नारायण (जेपी) अपने आखिरी दिनों में काफी उदास थे। केंद्र व राज्य में जनता पार्टी की सरकारें बनने के बाद अपने साक्षात्कार में...