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Corporate की मदद के बिना राजनीति असंभव है

धीरू भाई अंबानी और चंद्रशेखर जब कलकत्ता में एक होटल में गुपचुप मिले, जानिए...

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सच बात यही है कि कोई दल/ नेता कितना भी कॉर्पोरेट के खिलाफ बोल ले, कम्युनिस्ट पार्टियों को छोड़कर हर दल को उद्योगपतियों से...
आचार्य नरेन्द्र देव जैसे स्वतंत्रता सेनानियों की राजनीतिक नैतिकता का दिलचस्प उदाहरण है। हालांकि नयी पीढ़ी के राजनीतिज्ञों को वह नहीं पचेगी।

आचार्य नरेन्द्र देव जैसे स्वतंत्रता सेनानियों की राजनीतिक नैतिकता

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आचार्य नरेन्द्र देव जैसे स्वतंत्रता सेनानियों की राजनीतिक नैतिकता का दिलचस्प उदाहरण है। हालांकि नयी पीढ़ी के राजनीतिज्ञों को वह नहीं पचेगी। लेकिन नई...
25 जून भारतीय राजनीति में एक उल्लेखनीय तारीख है। इसी रोज 1975 में, तत्कालीन इंदिरा सरकार ने इमरजेंसी लगाई थी। दरअसल वह आपातकाल नहीं, आतंककाल था।

वह सिर्फ आपातकाल नहीं, सबसे बड़ा आतंककाल भी था

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प्रेमकुमार मणि  25 जून भारतीय राजनीति में एक उल्लेखनीय तारीख है। इसी रोज 1975 में, तत्कालीन इंदिरा सरकार ने इमरजेंसी लगाई थी। दरअसल वह...
आपातकाल-पीड़ित लोगबाग हर साल इमरजेंसी की वर्षगांठ मनाते हैं। मनाना जरूरी भी है। क्योंकि 25 जून  1975 को इमरजेंसी लगाकर पूरे देश को एक बड़े जेलखाना में बदल दिया गया था। 23 मार्च 1977 को ही इसे समाप्त किया जा सका था, जब लोकसभा के आम चुनाव के बाद मोरारजी देसाई की सरकार बनी।

इसलिए जरूरी है आपातकाल के दिनों को याद रखना !

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सुरेंद्र किशोर  आपातकाल-पीड़ित लोगबाग हर साल इमरजेंसी की वर्षगांठ मनाते हैं। मनाना जरूरी भी है। क्योंकि 25 जून  1975 को इमरजेंसी लगाकर पूरे देश...
जेपी को चंद्रशेखर की चिट्ठी

जेपी मूवमेंट में विपक्षी नेताओं की भीड़ से सशंकित थे चंद्रशेखर

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जयप्रकाश के आंदोलन (जेपी मूवमेंट) में लगातार विपक्षी नेताओं और युवाओं का साथ मिलता गया. इससे जयप्रकाश आंदोलन के सेनानी उत्साहित थे, लेकिन चंद्रशेखर...
पाकिस्तानी सेना के जनरल एके नियाजी जब बांग्लादेश युद्ध में हार के बाद सरेंडर कर रहे थे तो वहां मौजूद भीड़ उन्हें मारने पर उतारू थी. भीड़ से बचाने के लिए भारतीय जवानों ने मानव  प्राचीर बना दी.

पाकिस्तानी सेना के जनरल को जब हमारे जवानों ने बचा लिया 

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पाकिस्तानी सेना के जनरल एके नियाजी जब बांग्लादेश युद्ध में हार के बाद सरेंडर कर रहे थे तो वहां मौजूद भीड़ उन्हें मारने पर...
चंद्रशेखर की जेल डायरी में अनेक प्रसंग दर्ज हैं। इमरजेंसी के दौर की शासन व्यवस्था, राजनीतिक गतिविधियों को समझने के लिए यह अहम दस्तावेज है।

चंद्रशेखर की जेल डायरी इमरजेंसी के दौर को समझने का अहम दस्तावेज है

चंद्रशेखर की जेल डायरी में अनेक प्रसंग दर्ज हैं। इमरजेंसी के दौर की शासन व्यवस्था, राजनीतिक गतिविधियों को समझने के लिए यह अहम दस्तावेज...
नेहरू ने मेनन को चुनाव जितवाने के लिए दिलीप कुमार की मदद ली थी। हिन्दी सिनेमा के पहले महानायक दिलीप कुमार का निधन हो गया है। यह संस्मरण उन्हें श्रद्धांजलि है।

नेहरू ने मेनन को चुनाव जितवाने के लिए दिलीप कुमार की मदद ली थी

सुरेंद्र किशोर नेहरू ने मेनन को चुनाव जितवाने के लिए दिलीप कुमार की मदद ली थी। हिन्दी सिनेमा के पहले महानायक दिलीप कुमार का...
आपातकाल-पीड़ित लोगबाग हर साल इमरजेंसी की वर्षगांठ मनाते हैं। मनाना जरूरी भी है। क्योंकि 25 जून  1975 को इमरजेंसी लगाकर पूरे देश को एक बड़े जेलखाना में बदल दिया गया था। 23 मार्च 1977 को ही इसे समाप्त किया जा सका था, जब लोकसभा के आम चुनाव के बाद मोरारजी देसाई की सरकार बनी।

इमरजेंसी में बड़े नेताओं, साहित्यकारों, पत्रकारों को यातनाएं भी दी गयीं

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इमरजेंसी के दौरान बड़े नेताओं, साहित्यकारों, पत्रकारों को जेलों में ठूंस दिया गया। उन्हें कई तरह की शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी गयीं। यह...
इमरजेंसी के दौर को समझने के लिए कविताएं, गजल आदि तो अहम दस्तावेज हैं हीं, उस दौर में जेल में लिखी गयीं डायरियां सबसे प्रामाणिक स्रोत हैं।

इमरजेंसी के दौर को समझने के लिए जेल डायरियां प्रामाणिक स्रोत हैं

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हरिवंश इमरजेंसी के दौर को समझने के लिए कविताएं, गजल आदि तो अहम दस्तावेज हैं हीं, उस दौर में जेल में लिखी गयीं डायरियां...