निजी स्कूलों में फीस माफी को लेकर कांग्रेस अपना स्टैंड क्लीयर करे : अजय राय

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गंधी ने फीस माफी के लिए यूपी सरकार को लिखा पत्र

इधर झारखंड कांग्रेस के आलोक दूबे फीस वसूलने की कर चुके हैं वकालत

अजय राय का झारखंड सरकार पर आरोप, सरकार की मनसा साफ नहीं

शिक्षा मंत्री कर रहे हैं उच्चस्तरीय कमेटी के रिपोर्ट का इंतजार

रांची: ऑल स्कूल पैरेंट्स एसोसिएशन, झारखंड के अध्यक्ष अजय राय ने कहा है कि निजी स्कूलों में लॉकडाउन की अवधि का शिक्षण शुल्क माफ करने को लेकर झारखण्ड कांग्रेस अपना स्टैंड क्लियर करे। इस मामले से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अवगत कराया जा चुका है लेकिन अभी तक सरकार का जवाब नहीं आया है।

राय ने कहा कि एक ओर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश सरकार से प्राइवेट स्कूलों के तीन महीने की फीस माफ करने की मांग करती हैं तो दूसरी तरफ, झारखंड कांग्रेस के प्रवक्ता स्कूलों में अभिभावकों से फीस जमा करवाने के लिए निजी स्कूल संचालकों के पक्ष में बयानबाजी कर रहे हैं। झारखंड इसकी अनदेखी क्यों कर रही है यह समझ से परे लगता है।

राय ने बताया कि प्रियंका गांधी ने मध्यमवर्गीय परिवारों की आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा है कि इस विषम परिस्थिति में मध्यमवर्गीय परिवार पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है। उनकी आमदनी बंद हो गई है। इसलिए लॉकडाउन की अवधि (लगभग 3 महीने) का शिक्षण शुल्क माफ करने से अभिभावकों को बड़ी राहत मिलेगी। इसीलिए निवेदन है कि इन सारे निजी स्कूलों का सीएजी से जांच कराई जाए और जिस स्कूल की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, वह फीस माफ करे। साथ ही, जो कमजोर होंगे उन्हें कुछ रियायतें दी जाए।

उन्होंने कहा कि एक ओर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी अभिभावक हित में राज्य सरकार से अनुरोध कर रही हैं। वहीं, दूसरी ओर झारखंड में कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता निजी स्कूल प्रबंधन के प्रवक्ता के रूप में अभिभावकों पर स्कूल फीस जमा करने का दबाव बना रहे हैं। इससे कांग्रेस दोहरा चरित्र उजागर हो रहा है।

राय के अनुसार निजी स्कूलों में शिक्षण शुल्क माफ करने के मुद्दे पर कांग्रेस पहले अपनी स्थिति स्पष्ट करे कि वह अभिभावकों को राहत पहुंचाना चाहती है या स्कूल प्रबंधन द्वारा किए जा रहे अभिभावकों के शोषण में साथ देना चाहती है।

शिक्षा मंत्री ने क्या कहा था ?

जानकारी हो कि झारखंड के शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो ने निजी स्कूलों को लॉकडाउन के दौरान फीस माफ करने का सुझाव दिया है और कहा है कि, निजी स्कूल अगर इसका पालन नहीं करेंगे तो, लॉकडाउन के बाद सभी स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी।

आज शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो ने कहा

निजी स्कूलों के फीस माफी को लेकर जब शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो से शनिवार 16 मई को जब फोन पर बातचीत की गई तब मंत्री ने अपने पुराने बयानों को दुहराते हुए कहा कि इसके लिए गठित उच्चस्तरीय कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद इस पर फैसला लिया जाएगा।

कांग्रेस प्रवक्ता आलोक दूबे ने कहा

आज शनिवार 16 मई को जब कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता आलोक दूबे से इस पर फिर से सवाल पूछा गया तब वो सवालों से बचते नजर आए। उन्होंने फीस माफी पर कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया।

आइये जानते हैं इसके पहले क्या कहा था आलोक दूबे ने ?

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने अपने एक बयान में कहा था कि लॉकडाऊन के दौरान निजी स्कूल प्रबंधन पर शुल्क नहीं लेने का दबाव बनाने या इस तरह का कोई आदेश जारी करने से राज्य में संचालित करीब 20 हजार निजी स्कूलों के समक्ष संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। दूबे ने कहा था कि निजी स्कूलों पर ट्यूशन शुल्क माफ करने का दबाव बनाना उचित नहीं है, लेकिन निजी स्कूलों को डेवलपमेंट शुल्क, कंप्यूटर शुल्क और लाइब्रेरी शुल्क को माफ करना चाहिए।

जल्द निर्णय ले सरकार- बाबूलाल मरांडी

शिक्षा मंत्री के बयान पर बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कटाक्ष करते हुए कहा है कि, शिक्षा मंत्री सिर्फ भाषण दे रहे हैं और भाषण से काम नहीं होगा। इस मामले पर सरकार को जल्द निर्णय लेना चाहिए। कई राज्यों ने इस मामले पर निर्णय लिया है और कोर्ट का भी फैसला रहा है। इसीलिए तमाम निर्णय का आकलन करने के बाद अगर सरकार कोई फैसला लेती है तो, इसमें उन्हें परेशानी भी नहीं होगी। लेकिन जरूरी है कि, मामले पर जल्द फैसला लिया जाए।