ओमप्रकाश अश्क
पिता को परिभाषित करने में अमूमन आदमी जैविक पिता को ही केंद्र में रखता है। मानस पिता की चर्चा कहीं नहीं होती। जो जन्म का कारक बना, उसे हम आजीवन याद करते हैं, लेकिन मानसिक विकास में जिसने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी, उसे मानस पिता तक कहना किसी को गवारा नहीं। मानस पिता की भूमिका में होते हैं वे...
कभी मुन्ना मास्टर थे, अब हैं एडिटर
ओमप्रकाश अश्क
जीवन में कई बार ऐसी चीजें घटित हो जाती हैं, जिनके बारे में आदमी कभी
सोच भी नहीं पाता। मेरा पत्रकार बन जाना, कुछ इसी तरह की घटना है। स्कूली
जीवन में साहित्य परिषद की कविता व निबंध लेखन प्रतियोगिताओं में हिस्सा
लेने का सिलसिला अखबार के दफ्तर के दरवाजे तक पहुंचने का जरिया बन...