NRC प्रदर्शन के बाद 10 दिनों में 150 श्रमिक लौट गये बंगाल

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  • उत्तर प्रदेश से घर लौटने लगे हैं मालदा के मजदूर
  • सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान 6 युवक गिरफ्तार
  • पुलिस इन्हें बता रही आतंकी संगठन  सिमी के सदस्य

मालदा (पश्चिम बंगाल)। NRC को लेकर उत्तर प्रदेश में हुए प्रदर्शन के दौरान मालदा के 6 युवकों की गिरफ्तारी के बाद 150 मजदूर घर लौट आये हैं। श्रमिक अब वहां काम को तैयार नहीं हैं।  मुख्य रूप से मालदा जिले के हरिश्चंद्रपुर 1,2 ,रतुआ  1, 2, चांचल 1, 2 ब्लॉक के श्रमिक अब काम करने के लिए उत्तर प्रदेश जाने से  कतराने लगे हैं।  इसकी मुख्य वजह हाल ही में सीएए के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के दौरान मालदा के छह श्रमिकों को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा  गिरफ्तार करना है।

इस घटना  के बाद से उत्तर प्रदेश में काम कर रहे मालदा के श्रमिकों के  वापस लौटने का सिलसिला जारी है। कभी उत्तर प्रदेश का लखनऊ मालदा के  श्रमिकों के लिए काम करने का सबसे फायदेमंद व सुरक्षित जगह माना जाता था। वहां सहजता से श्रमिकों को अधिक आय वाला रोजगार मिल जाता था, लेकिन आज हालात बदल गए हैं। अब वे लोग वहां काम करना नहीं चाहते।

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उत्तर प्रदेश से लौटे इन लोगों ने बताया  कि एनआरसी और सीएए को लेकर  प्रदर्शन  के दौरान घटना से जुड़े रहने के  आरोप में हरिश्चंद्रपुर के 6 श्रमिकों को उत्तर प्रदेश सरकार की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इसी घटना के बाद से वहां काम कर रहे मालदा के हरिश्चंद्रपुर महकमे के श्रमिकों में हड़कंप मच गया। वहां काम कर रहे श्रमिक झुंड में वापस लौटने लगे हैं।

इन श्रमिकों ने बताया कि वहां अधिकतर श्रमिक होटल में काम करते थे। कुछ निर्माणाधीन भवन में काम करते थे  तो  कुछ दूसरे काम करते थे। लेकिन अब वे लोग वहां से लौटने लगे हैं। क्योंकि वहां उनके लिए माहौल सुरक्षित नहीं रह गया है। इन श्रमिकों के परिवार वालों ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पुलिस झूठे मामलों में श्रमिकों को  गिरफ्तार कर रही है। इसलिए बेहतर है कि वे  घर पर ही रहें।

लखनऊ से हाल ही में लौटे अजहर शेख, निजाम शेख ने बताया कि हरिश्चंद्रपुर के 6 श्रमिकों  को उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वे सभी निर्दोष हैं। वे लोग एक साथ होटल में काम करते थे। पिछले महीने  एनआरसी को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा था। काफी लोग सड़क पर उतर कर उत्सुकतावश  इस प्रदर्शन को देख रहे थे। तभी अचानक वहां पुलिस पहुंची और झूठे मामले में मालदा के छह श्रमिकों को गिरफ्तार कर लिया। वहां उनकी सुनने वाला कोई नहीं था। बिना किसी अपराध के वे लोग जेल में हैं। उनकी जमानत भी नहीं हुई। अब पुलिस  इन सभी को आतंकी संगठन सिमी का सक्रिय सदस्य बता रही है।

उत्तर प्रदेश  पुलिस द्वारा गिरफ्तर मालदा के छह श्रमिकों में चार का घर डाँगीला गांव में है।  इनके नाम संजुर हक़ (20 ), सलेदुल हक़ (22 ),खैरुल हक़ (20 ) एवं सागर अली (35 ) है।  वहीँ अन्य दो के नाम आस्लाम (20 ) एंव मो शाह आलम (35 ) हैं।  वे लगो जनमदल गांव के  रहनेवाले हैं। सागर अली लखनऊ में  पिछले 10 सालों से रहते आ रहे थे। इन श्रमिकों के परिवारवालों ने बताया  कि राज्य सरकार ने उन्हें क़ानूनी सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है। इधर हरिश्चंद्रपुर के डांगा गांव के लोगों ने कहा कि पिछले 10 दिनों में 150 श्रमिक उत्तर प्रदेश से मालदा लौट आये हैं। हरिश्चंद्रपुर के तृणमूल के पूर्व विधायक तजमुल हुसैन ने कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने झूठे मामले में  मालदा के छह युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वे इसकी कड़ी निंदा करते हैं।

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