तिजहरिया ढलने को आई। होली का दिन था। मगर होली नजर न आ रही थी। सभी अपने घरों में बंद थे। कस्तूरी से रहा न गया। सुनैना भाभी के घर पहुंची।

फागुन में पढ़ें रमेशचंद्र की लघुकथा- जब मूड होलियाना हो गया..!

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रमेशचंद्र तिजहरिया ढलने को आई। होली का दिन था। मगर होली नजर न आ रही थी। सभी अपने घरों में बंद थे। कस्तूरी से...
प्रतीकात्मक तस्वीर

लिंचिंग………………………………………………………………….

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असगर वजाहत बूढ़ी औरत को जब यह बताया गया कि उसके पोते सलीम की 'लिंचिंग' हो गई है तो उसकी समझ में कुछ न...