अलका सरावगी के उपन्यास 'कुलभूषण का नाम दर्ज़ कीजिये'- पर वरिष्ठ साहित्यकार ममता कालिया ने अपनी टिप्पणी दर्ज की है।

अलका सरावगी के उपन्यास ‘कुलभूषण का नाम दर्ज़ कीजिये’- पर ममता कालिया की टिप्पणी

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अलका सरावगी के उपन्यास 'कुलभूषण का नाम दर्ज़ कीजिये'- पर वरिष्ठ साहित्यकार ममता कालिया ने अपनी बेबाक टिप्पणी दर्ज की है। सीधे कहें तो...

जब गलतियों के लिए हरिवंश जी की डांट सुननी पड़ी

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एक अंतराल के बाद पेश है वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश अश्क की प्रस्तावित पुस्तक- मुन्ना मास्टर बने एडिटर- की अगली कड़ी अखबार का आदमी आमतौर पर...
कृष्ण बिहारी मिश्र (दायें) के साथ लेखक निराला

जब हिंदी के कमर एतना नाजुक बा, त ओकरा टूटिये जाये में भलाई बा

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बुढ़उती, भोजपुरी और गांधी जी के बारे में कृष्ण बिहारी मिश्र की बेबाक बतकही  निराला केहू कहल कि भोजपुरी आठवां अनुसूची में शामिल हो जाई...

झारखंड में तेजी से विकसित हो रही है नयी शैली की बैद्यनाथ पेंटिंग

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डॉ आरके नीरद वरिष्ठ पत्रकार अौर जनजातीय जीवन-संस्कृति के गहरे जानकार हैं। झारखंड की कला-संस्कृति पर प्रायः ढाई दशकों से काम कर रहे हैं।...

ओमप्रकाश अश्कः सामाजिक सरोकार में सराबोर एक पत्रकार

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वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश अश्क ने पत्रकारिता में रहते हुए समाज सेवा में भी बड़ी भूमिका निभाई है। कोलकाता में उनके सामाजिक सरोकारों का जिक्र...

दंगा रोकने निकले पत्रकार गणेश शंकर विद्यार्थी का मिला था शव

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जयंती पर विशेष नवीन शर्मा कलम की ताकत क्या होती है और निडर और निष्पक्ष पत्रकारिता किस तरह की जा सकती है, इसकी प्रेरणा हम...
रामदेव सिंह ने लिखी पुस्तक समीक्षा

“चांदखोल पर थाप’ यानि बात निकलेगी तो दूर तलक जायेगी! 

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रामदेव सिंह "चांदखोल पर थाप' कवि और निबंधकार राजमणि मिश्र की यह किताब लगभग एक वर्ष से मेरे सफरी बैग में सफर करती रही...
भारत यायावर

हिन्दी भाषा के एक दुर्लभ प्रसंग का उद्घाटन- हिन्दी  तेरी वह दशा !

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उन्नीसवीं शताब्दी में उर्दू का इतना प्रसार और दबदबा था कि हिन्दी उसके नीचे दबी हुई थी। उसके उन्नायक तब दो ही लेखक थे-...

जयंती पर विशेषः ओशो आधुनिक युग का  विद्रोही संन्यासी

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नवीन शर्मा आचार्य रजनीश जो बाद में ओशो के नाम से जाने जाते हैं, वे आधुनिक भारत की सबसे चर्चित और और विवादास्पद आध्यात्मिक...
मैथिली 8वीं अनुसूची में हिन्दी के पाठ्यक्रम में विद्यापति क्यों? यह सवाल उठाया है कलकत्ता यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अमरनाथ ने। उनके सवाल में दम भी है।

मैथिली 8वीं अनुसूची में हिन्दी के पाठ्यक्रम में विद्यापति क्यों?

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अमरनाथ मैथिली 8वीं अनुसूची में हिन्दी के पाठ्यक्रम में विद्यापति क्यों? यह सवाल उठाया है कलकत्ता यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अमरनाथ ने। उनके सवाल में...