सुधांशु शेखर की कविता- कब निकलेगा समाधान प्रिये !
सुधांशु शेखर
इस लॉक डाउन के चंगुल से
कब निकलेगा समाधान प्रिये !
तुम लॉक डाउन की बढ़ती डेट
मैं वस्तु का घटता दाम प्रिये !
तुम ग्रीन...
कुमार जगदलवी की चुनिंदा पांच कविताएं
इंसानियत ही मजहब
हम-तुम, जब भी मिलें
अपने, आपे में मिलें
तुम, तुम में ही रहो
मैं, खुद ही में रहूँ।
तुम अपने अक़ीदे में रहो
मैं, अपने यकीं...
अभय परमहंस की दो कविताएं………………………..
अभय परमहंस का मूल नाम अभयानंद शुक्ल। मूल निवासी उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद के। वर्ष 1989 से लखनऊ (उत्तर प्रदेश में पत्रकारिता)। सम्प्रति...